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Maharajganj News : एआरपी की परीक्षा में फेल हो गए बेसिक शिक्षा के 19 शिक्षक,बच्चों को कैसे बनाएंगे निपुण!

 

शिक्षकों का मार्गदर्शक बन शैक्षिक सुधार में सहायता देने लिए बनने चले थे एआरपी

लिखित परीक्षा में शामिल 114 शिक्षक क्वालीफाई होने के लिए साठ फीसदी अंक पाने में रहे असफल

माइक्रो टीचिंग में भी इंटरव्यू के लिए बनाए गए मानक के पहले ही अटक गए बीस अध्यापक 

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो :- समग्र शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय विद्यालय के बच्चों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए एआरपी के चयन परीक्षा में ही जिले के 19 शिक्षक फेल हो गए हैं। इनके अलावा लिखित परीक्षा में क्वालीफाई करने वाले 95 शिक्षकों में बीस शिक्षक माइक्रो टीचिंग में अटक गए। निर्धारित अंक नहीं मिलने से उनकी छंटनी कर दी गई वे इंटरव्यू में शामिल नहीं हो पाए। रिक्त पद के सापेक्ष चयनित एआरपी को ब्लाक आवंटन किया जा चुका है, लेकिन अभी आदेश निर्गत नहीं हुआ है। इससे चयनित एआरपी में बेचैनी है, पर विभागीय लिखित परीक्षा व माइक्रो टीचिंग में क्वालीफाईंग अंक साठ फीसदी के पीछे ही ठहरे शिक्षकों को लेकर यह कहा जा रहा है कि जब वह खुद ही निपुण नहीं हो पाए हैं तो अपने स्कूल के बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे। 

जिले के सभी 12 ब्लाको में एआरपी के 58 रिक्त पद के लिए 114 शिक्षकों ने आवेदन किया था। एआरपी बनने के पीछे कई शिक्षकों की मंशा थी कि उन्हें रोज विद्यालय नहीं जाना होगा। अगर नजदीक के ब्लाक में उनका चयन हो गया तो सहुलियतें और मिल जाएंगी। आवेदन के बाद बीते 20 मार्च को विभाग ने एआरपी चयन के लिए लिखित परीक्षा कराई। इस परीक्षा को क्वालीफाई करने के लिए न्यूनतम साठ फीसदी अंक का मापदंड बनाया गया था। लिखित परीक्षा में साठ फीसदी अंक माइक्रो टीचिंग के लिए अर्हता तय की गई थी पर, 114 शिक्षकों में से केवल 95 शिक्षकों को ही साठ फीसदी या उससे अधिक अंक मिला। यानी 19 शिक्षक लिखित परीक्षा में ही फेल हो गए। विभाग के अनुसार उनकी छंटनी कर दी गई। लिखित परीक्षा के बाद 24 व 25 मार्च को माइक्रो टीचिंग में 95 शिक्षकों की योग्यता परखी गई। इसमें भी क्वालीफाई करने के लिए साठ फीसदी अंक का मानक बनाया गया था। पर, माइक्रो टीचिंग में भी साठ फीसदी मानक की बाधा को बीस शिक्षक पार नहीं कर पाए और फेल हो गए। विभाग का कहना है कि उनकी छंटनी कर दी गई। लिखित परीक्षा के बाद माइक्रो टीचिंग में सफल 75 शिक्षकों का इंटरव्यू भी हुआ। लिखित परीक्षा, माइक्रो टीचिंग व इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर एआरपी चयन के लिए मेरिट बनाई गई। मेरिट के अनुसार ब्लाक आवंटन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, पर अभी तक चयन सूची नहीं आई है। इससे चयनित एआरपी में बेचैनी है। पर, लिखित परीक्षा व माइक्रो टीचिंग में फेल हो चुके शिक्षकों को लेकर यह कहा जा रहा है कि फेल शिक्षक के स्कूल के बच्चे कैसे पास होंगे, कैसे निपुण होंगे! 

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